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Tren Hadsa in Mujafarnagar

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टीएन मिश्र, लखनऊ पुरी से हरिद्वार के बीच चलने वाली उत्कल एक्सप्रेस (18477) के 14 कोच शनिवार को पटरी से उतर गए। इनमें से आठ कोच एक दूसरे पर चढ़ गए। हादसे में कम से कम 21 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 100 से ज्यादा यात्री घायल हो गए। इससे पहले, मीडिया रिपोर्ट्स में 23 यात्रियों के मारे जाने की खबर आ रही थी। दुर्घटना की वजह एक ओर जहां पटरी का टूटना बताया जा रहा है, वहीं इस ट्रेन में पुरानी तकनीक वाले कन्वेंशनल कोच लगे होने को भी यात्रियों की मौत का कारण माना जा जा रहा है। पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की तर्ज पर अगर कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस में भी लिंक हाफमेन बुश (एलएचबी) कोच लगे होते तो आठ कोच एक दूसरे पर न चढ़ते। इससे कई यात्रियों की जान बच सकती थी। रिसर्च डिजाइन्स ऐंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने करीब एक दशक पहले ही टक्कररोधी कोच का आलमनगर में सफल परीक्षण किया था। उसके बाद कोचों की डिजाइन में सुधार भी किया था। रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिए थे कि अब लंबी दूरी की ट्रेनों में आधुनिक टक्कररोधी एलएचबी कोच लगाए जाएंगे। इसके बावजूद यह काम गति नहीं पकड़ सका है। एलएचबी कोचों और सीबीसी कपलिंग होने से